संसाधनों का विवेकपूर्ण इस्तेमाल ही संसाधन नियोजन में निहित है। भारत जैसे देश में; जहाँ संसाधनों का समुचित वितरण नहीं है; संसाधन नियोजन और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। उदाहरण के लिए, कई राज्यों के पास खनिजों के प्रचुर भंडार हैं लेकिन अन्य संसाधनों की कमी है। झारखंड के पास प्रचुर मात्रा में खनिज हैं लेकिन वहाँ पेय जल और अन्य सुविधाओं की भारी कमी है। अरुणाचल प्रदेश के पास प्रचुर मात्रा में जल है लेकिन संसाधनों के अभाव के कारण वहाँ विकास नहीं हो पाया है।
संसाधन की इस प्रकार की कमी को विवेकपूर्ण इस्तेमाल से या तो कम किया जा सकता है या पूरी तरह से समाप्त किया जा सकता है।
-Answered by Rohit Rajput On 09 September 2019:07:48:49 PM